जय महाकाल
@KailasSanatani
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स ध स राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
Mumbai, India
Joined February 2021
#वीर_महापुरूष_तेलंगा_खड़िया_जयंती जन्म : 09 फरवरी 1806 मृत्यु : 23 अप्रैल 1880 छोटानागपुर के अनेक वीर महापुरूषों ने अंग्रेजों के शोषण के विरूद्ध भारत वर्ष के स्वतंत्रता के लिए अपने जान की कुर्बानी दी और शहीद हुए। उन वीर महापुरूषों में तेलंगा खड़िया भी एक थे। जिन्होंने अंग्रेजों के शोषण अत्याचार के खिलाफ अपनी जान की कुर्बानी दी। तेलंगा खड़िया की जीवनी तेलंगा खड़िया का जन्म 9 फरवरी 1806 ई. में ग्राम – मुरगू, थाना – सिसई, जिला – गुमला (बिहार, अब झारखंड) में हुआ था। तेलंगा खड़िया एक साधारण किसान के घर में जन्म लिए थे। उनके पिता का नाम ठुईया खड़िया और माता का नाम पेतो खड़िया था। कहा जाता है कि तेलंगा बचपन से ही वीर, साहसी और अधिक वक्ता थे। वीर, साहसी एवं अधिक बोलने वाले व्यक्ति को खड़िया भाषा में तेsबलंगा कहते हैं। संभवतः तेsबलंगा से ही तेलंगा हुआ। इनका शरीर हट्ठा – कट्ठा एवं सांवले रंग का था, तथा इनका ऊंचाई 5 फीट 9 ईंच था। तेलंगा खड़िया पढ़ा-लिखा नहीं था, परंतु वह एक कर्मठ समाजसेवी नेता था। इनकी शादी सन, 1846 ई. में कुमारी रतनी खड़िया से हुई थी। तेलंगा का मुख्य पेशा खेती करना और अपने अनुयायियों को सुबह – शाम गदका, तलवार एवं तीर चलाने का कला सिखाना था। प्रत्येक कला सीखने एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करने के पहले इस झंडा के पास पूरब मुंह करके सभी लोग (गुरू – शिष्य) घुटना टेककर धरती माता, सरना माता, सूर्य भगवान, महादान देव एवं अपने - अपने पूवर्जों का स्मरण कर पूजा एवं अराधना करते थे। सिसई का वह मैदान उन दिनों गदका, लाठी, तलवार एवं तीर चलाने के लिए चारों ओर से ग्रामीण युवक इस मैदान में इकठ्ठा होते थे। तेलंगा के पिता ठुईया खड़िया को छोटानागपुर नागवंशी महाराजा द्वारा रातू गढ़ की ओर से ग्राम मुरगू के लिए भण्डारी नियुक्त किया गया था और वह ग्राम – मुरगू का पाहन भी था। भण्डारी का कार्य मझियस जमीन के फसल को इकट्ठा कर एवं कराकर रातू गढ़ पहुँचाना था। अंग्रेजों के शोषण और अत्याचार से द्रवित हुए थे तेलंगा खड़िया तेलंगा अपने पिता के साथ कभी – कभी महाराज के दरबार में जाया करता था। जिसके कारण उसे सामाजिक कार्य का साधारण ज्ञान की जानकारी प्राप्त हुई थी। उन दिनों अर्थात् सन 1849 – 50 ई. में भारतवर्ष में अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेज शासकों द्वारा इस क्षेत्र के लोगों से मनमानी कर वसूल करना आदि अत्याचार करने लगे थे। शोषण एवं अत्याचार से इस क्षेत्र की जनता उब चुकी थी, परंतु उन दिनों छोटानागपुर के लोग ही नहीं पूरे भारतवर्ष के लोगों में फूट थी, एकता नहीं था। अंग्रेजों की नीति थी – भारतियों के बीच फूट डालो और शासन करो, अंग्रेजों के शोषण एवं अत्याचार को देखकर तेलंगा खड़िया सहन नहीं कर सका और अंग्रजों के विरूद्ध लड़ाई करने के लिए तैयार हो गया। इस क्रम में तेलंगा खड़िया गाँव – गाँव जाकर एकता के लिए लोगों से संपर्क करने लगा और जगह – जगह जुरी पंचायत गठन कर लोगों के बीच अंग्रेजों से लड़ने के लिए बीज बोया। तेलंगा खड़िया छोटानागपुर के पूर्वी एवं दक्षिणी इलाके के प्रत्येक गांव में जाकर सभी वर्गों के लोग एवं धर्मों के बीच समन्वय स्थापित किये। वे सत्यवादी, ईमानदार और साहसी थे। इनका मुख्य हथियार तलवार एवं तीर – धनुष ही था। अंग्रेजों के रायफल और बन्दूक की गोली को तेलंगा तलवार से ही रोक लेते हैं, मानों उसे ईश्वरीय वरदान था। जूरी पंचायत कायम करने के बाद तेलंगा के बहुत से अनुयायी हुए। इनके संगठनात्मक कार्य के बारे में अंग्रेज सरकार को पता चला, तो तेलंगा को अंग्रेज सरकार द्वारा पकड़ने के लिए आदेश जारी किया। जब तेलंगा को इसकी जानकारी मिली तो वे घर से बाहर रहकर ही संगठन का कार्य करने लगे। तेलंगा कभी – कभी घर आया करते थे, क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि अंग्रेज पुलिस पकड़ ली तो उसे जेल जाना पड़ेगा और उनका सपना साकार नहीं हो पाएगा।
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धर्मयुद्ध महाभारत होने से पहले कौरवों की अधर्मी भीड़ ऐसे ही उछल रही थी जैसे कि आज के तमाम धर्म-विरोधी अधर्मी उछल रहे हैं। अधर्मी यह मानकर चले कि जब धर्म वालों का सामूहिक चेतना पूर्णतः जगेगा तो धरा पर चल रहे धर्मयुद्ध में धर्म के खड्ग से पापियों का संपूर्ण संहार होगा। Stop Ridicule of Sanatan Dharma #सनातन_धर्म_का_उपहास_बंद_करो
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संस्कृति दिखावा करने से कोई बड़ा नहीं होता दिल बड़ा होना चाहिए,,,,,,,, चर्चित उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बेटे जीत अडानी की शादी दिवा जैमिन शाह के साथ अहमदाबाद संपन्न हो गई है। गौतम अडानी ने अपने बेटे की शादी में 10,000 करोड़ रुपये दान करने का वादा किया है। यह दान स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में होगा।
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यह शर्मसार करनेवाली खबर है। दुःखद और अंतर्मन को झकझोरनेवाली कि आज लोग कितना खुदगर्ज होते जा रहे हैं। लोग खुद में सिमट रहे हैं, जिससे नाते- रिश्ते सब पर विराम लग रहा है। रिश्ते मर रहे हैं, तभी तो ऐसी घटनाएं आ रही है इसी समाज से सामने। डॉ प्रेम दास, हजारीबाग के एक विख्यात सर्जन, कोई सोच भी नहीं सकता था कि उनकी लाश 48 घंटों तक अपनों की आस में अस्पताल के मोर्चरी में पड़ी रहेगी। दो बेटियां, एक अमेरिका में और दूसरी मुम्बई में। अन्य नाते- रिश्तेदार बिहार- झारखंड में। अमेरिका से बेटी नहीं आयी तो मुम्बई ���े बेटी के बीमार होने का खबर आ गया। अन्य अपने भी नहीं आये। 48 घंटों के मोर्चरी में अपनों के इंतज़ार के बाद 77 वर्षीय डॉक्टर प्रेमदास का अंतिम संस्कार उनकी पत्नी प्यारी सिन्हा और कुछ साथी चिकित्सकों ने अज्ञात लाशों का दाह संस्कार करनेवाले समाजसेवी नीरज कुमार की मदद से खिरगांव शमशान घाट पर करा दिया। यह खबर रुलाने वाली है, क्योंकि अपने जिन बच्चों को बड़ा करने पढ़ाने- लिखाने और उन्हें उनके मुकाम तक पहुंचाने में मां- बाप जीवन भर यज्ञ करते हैं, कुछ परिवार में उसका फल ऐसा कटु भी मिलता है। वैसे ऐसी कहानी की आज भरमार है। हजारीबाग क्या, राज्य और देश क्या, महानगरों की चकाचौंध में सैकड़ों बच्चे अपने बूढ़े मां- बाप को छोड़कर फुर हो चुके हैं, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ। यह भूल चुके हैं कि ज���सी फसल लगायेगें, वैसी काटेंगे। उनके बच्चे भी वही करेंगे आगे चलकर।
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जमीन से प्रकट हुए शिव शंभू! संभल में सनातन का एक और 'सबूत' मिल गया #SambhalMandir #Sambhal #UttarPradesh #Shivling🚩🚩
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🎥महाकुंभ में जानलेवा भगदड़ को लेकर अब साधु-संतों के बीच ही तलवारें तनी हैं। एक तरफ हैं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती..और दूसरी ओर हैं साधु-संत । महाकुंभ से संत आवाज उठा रहे हैं..कह रहे हैं- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को महाकुंभ से निकाल दीजिए। और ये सिर्फ मांग नहीं है..ये खून भरी मांग है... मेरा मतलब ये है, कि साधु-संतों ने अपनी इस मांग वाले पत्र को, खून से लिखा है, और सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजा है...!
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RT @sdharmrakshak: जॉर्ज सोरेस हिंदुओं के खिलाफ काम कर रहा है। २०११ में जिन लोगों ने कम्युनल वायलेंस बिल बनाया था वे सभी ३२ लोग नेता नहीं…
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लव जिहादः पहली बार कोर्ट ने की इस तरह टिप्पणियां मुस्लिम पुरुष पूरी प्लानिंग के साथ हिंदू महिलाओं को कर रहे टारगेट लखनऊ, आरएनएन। यूपी के बरेली की एक अदालत ने लव जिहाद के आरोप में एक मुस्लिम युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने कई तीखी टिप्पणियां करते हुए कहा कि यह भी सच ही है कि लव जिहाद को अंजाम दिया जा रहा है। एडिशनल सेशन जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद के तहत मुस्लिम पुरुष पूरी प्लानिंग के साथ हिंदू महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं। उनके आगे प्यार का नाटक करते हुए शादी करते हैं और फिर उनका इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता है। यह शायद पहला मौका है, जब देश में किसी अदालत ने इस तरह लव जिहाद को लेकर टिप्पणियां की हैं। जज ने कहा, इस केस में आरोपी मोहम्मद आलिम ने पीड़िता को अपना ��ाम आनंद बताया। फिर उसके साथ प्यार की बात की और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी भी कर ली। इसके बाद उसका रेप किया गया। इस दौरान उसकी तस्वीरें और वीडियो भी बना लिए गए। जज ने कहा कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य भारत में अपनी सत्ता स्थापित करना है। इसके लिए डेमोग्रेफिक वार छेड़ी जा रही है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश है और एक मजहब विशेष के अराजक तत्त्व इसमें शामिल हैं। लेकिन इसके चलते पूरा मजहब ही बदनाम होता है। लव जिहाद के लिए बहुत पैसे की जरूरत होती है। इसलिए लव जिहाद में विदेशी फंडिंग से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जज ने यह भी कहा कि किसी को भी ���ह अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वह जबरन किसी का धर्मांतरण कराए।
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RT @KailasSanatani: त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे। #माँ_नर्मदा_जयंती 4 फरवरी 2025 पवित्र पावन न…
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RT @KailasSanatani: #महाकुंभ: विदेशी भक्त 'अमृत स्नान' के लिए त्रिवेणी संगम की ओर जाते समय 'हनुमान चालीसा' गाते हैं। — "सनातन ही सत्य है"…
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#महाकुंभ: विदेशी भक्त 'अमृत स्नान' के लिए त्रिवेणी संगम की ओर जाते समय 'हनुमान चालीसा' गाते हैं। — "सनातन ही सत्य है" #MahaKumbh2025
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RT @sdharmrakshak: #महाकुंभ2025 का असली फल तो यह गोरे ले जा रहे हैं कुंभ क्षेत्र से। हिन्दु तो सिर्फ पर्यटक बने जा रहे हैं। कुछ हिन्दुओं को…
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त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे। #माँ_नर्मदा_जयंती 4 फरवरी 2025 पवित्र पावन नदी नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा मानी जाती है! नर्मदा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के अमरकंटक से हुआ है। मां नर्मदा नदी है जीवनदायिनी पवित्र है इसका पानी पवित्र बनाए रखने का संकल्प लें👏🏻🚩 मां नर्मदाजी के प्रकटोत्सव की अनंत शुभकामनाएं !💐💐 🙏🏻
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RT @sdharmrakshak: भारत में जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न करती है। सरकार को जनसंख्या नि…
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भारतीय संस्कृति के उच्चतम आध्यात्मिक मानकों की जीवंत अभिव्यक्ति कुंभ में देखी जा सकती है; इसके आध्यात्मिक महत्व का अनुभव राजनीतिक शत्रुता रखकर नहीं किया जा सकता।" राजनीतिक लाभ के लिए कुछ लोग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ 2025 प्रयागराज में की गई व्यवस्थाओं की आलोचना कर रहे हैं, जो पूरी तरह से राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है। -स्वामी अवधेशानंद जी महाराज #MahaKumbh2025
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