@khurpenchh
क्या संयोग है! क्या ये वही अमोल आवाठे हैं, जिनके साहस और परिश्रम के किस्से सुनकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते थे? और अब, ये महान आत्मा, जिसने इतिहास रचने का दावा किया था, अचानक अपने डिजिटल अवतार से गायब हो गई! लगता है, पूजा खेडकर के नाम में कोई जादू है, जो इतिहास रचने वालों को