तुम,
रूठना हक़ से,
मैं तुम्हें ये हक़ देता हूँ ।
तुम झगड़ना मुझसे जी भर ,
मैं ये हक़ तुम्हें देता हूँ ।
तुम माँगना लेना मुझसे मेरी जाँ भले,
ये भी हक़ तुम्हें देता हूँ ।
पर
मत छीनना मुझसे ,
तुम्हारी अटखेलियाँ,
तुम्हारी मुस्कान,
वो चाँद सी दूधिया आँखें,
ये हक़ मुझे दे देना ।