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Hari Garhwal
@HariGarhwal
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सादा जीवन..सादे विचार 🙏 साफ कहणा..सुखी रहणा 🙏
गांव-देहात-खेत-खलिहान का वासी
Joined November 2019
RT @Jat_Ethnic: "Farmers asked for support through legal MSP guarantees and fair pricing policies. Instead, they were given empty promises…
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RT @FarmStudioz: आपने आज SKM को मजबूर कर दिया। जी हाँ आपने 🫵🏻 आज SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) की मोगा में एक अच्छी सभा हुई। वहाँ @RakeshTi…
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RT @FarmStudioz: घी, शक्कर, मगज़, ड्राई फ्रूट, गूँद, मखाने, काली मिर्च, सौंफ, खस खस, अजवाइन, आटा। आजा सरकारे….
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RT @FarmStudioz: ��. जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के अनशन का आज 44वां दिन है, लेकिन गोदी मीडिया चुप है क्योंकि उनका मुंह बंद कर दिया है। #ModiHa…
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RT @FarmStudioz: ताज़ा-ताज़ा एक किसान नेता द्वारा पीठ में खंजर घोंपने के बाद, अधिकांश साथी कह रहे हैं: “ये तो वैसा ही था, विश्वास नहीं कर…
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RT @FarmStudioz: आप बुरा मानो या भला, लेकिन फैक्ट यह है कि श्री @RakeshTikaitBKU जी, अब एक किसान नेता / यूनियन नेता नहीं हैं। वे एक “प्ले…
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@hirenchoudharys @IamHudda36 @manphoolsaran7 @JATbera1 गुरुजी नहीं हैं भाई 🙏🙏 वैसे ही राम राम कर लिया करो 😃🙏
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सादर श्रद्धांजलि 🙏🙏
आधार बेस्ड पीडीएस सिस्टम और आधार बेस्ड डीबीटी सिस्टम ....अगर कांग्रेसी कॉकस और ब्यूरोक्रेसी के विरोध के बावजूद इन्हें तत्काल लागू करने पर डॉक्टर मनमोहन सिंह अड़ जाते तो देश का राजनैतिक इतिहास अलग होता....एक ऐसे नेता जिनको उनके खुद के लोगों ने ही काम नहीं करने दिया.....इतने अवरोधों के बाद भी भारत भूमि को थोड़ी बहुत "लैंड ऑफ ऑपर्च्युनिटी ' बनाने वाले शिल्पकार को विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐
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RT @FarmStudioz: मूर्खों की जमात को यह नहीं पता कि लाला की दौलत असल में उनका पैसा है। जब लाला बैंक का पैसा मारता है, जब लाला LIC का पैसा…
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@FarmStudioz भाईसाब सही कहा आपने कि हम सबको बोलना होगा... क्यों ? क्योंकि बोलना बहुत जरूरी है इस नाजुक वक्त में ✊✊👊👊
23 दिसंबर को दिल्ली-JNU में स्व. चौधरी चरण सिंह जी जयंती पर एक ग्रुप डिस्कशन में भाई @KedarSirohi के साथ भाग लिया। सिर्फ़ मूर्तियों/तस्वीरों पर फूल चढ़ाने से आगे की बात की। भाषण ना होकर, एक संवाद था होनहार बच्चों के साथ। चौधरी साहब के विचारों और आज के किसान आंदोलन की ज़रूरत और उसके उद्देश्य पर बात हुई। आज जो नारा “क़र्ज़ मुक्ति-पूरा दाम” का लग रहा है, उसपर चौधरी साहब द्वारा 1938-39 में लाये गए बिलों, उनकी किताबों, उनकी co-operative पर दूरगामी सोच पर बात की। उनके DNA द्वारा ही उनकी आइडियोलॉजी गिरवी रखने की तरफ़ इशारा किया। बताया कि उनकी भौतिक संपदा पर किसी का परिवारजन होने के नाते एक्सक्लूसिव क़ब्ज़ा हो सकता है, उनके विचारों पर नहीं। विचार नहीं बिकेंगे मंत्रालयों की बिसात पर। बात लंबी चली, करीब 40 मिनट बोला वायरल इन्फेक्शन, छिले गले और तपते बुख़ार में। क्यों? क्यूंकि बोलना ज़रूरी है आज के वक़्त। मज़ा आया बहुत वक़्त बाद एक सरल से माहौल में बात रखने का। (5 वीडियो हैं/प्रत्येक 6-7 मिनट का है) #SupportDallewal
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