गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।
🥰🥰🥰
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।........
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आपको क्यों कर बहाना चाहिए
जो भी' हो सच तो बताना चाहिए
सीख जायेंगे अदायें खुद ब खुद
आपको बस इक दिवाना चाहिए
दर्द हो तो बस पता दिल को चले
साथ सबके मुस्कराना चाहिए
ख़ाक में जायें जहाँ के रंज ओ' गम
दिलजलों को दिल लगाना चाहिए
ईश्वर की अनुकम्पा से घर में
लक्ष्मी को जब, जनम दें
हाथों की सुंदरता बढ़ाने के लिए
बेटी को चूड़ी नहीं, कलम दें
किशोरावस्था के विकास के लिए
शादी का जोड़ा नही, इलम दें
पढ़- लिखकर परिपक्व हो जाए
तब बेटी की इच्छा से, बलम दें
🌹🌹 कामिनी🌹🌹
कहाँ कहाँ पे दिखाऊँ मैं ज़ख़्म ठोकर के।
है शहर पत्थरों का लोग भी हैं पत्थर के।
उन्हीं से ज़िल्लतें बेइंतिहा मिली मुझको,
दिया हुआ है जिन्हें प्यार मैंने भर-भर के।
हाल पूछने मत आना...घाव भर गये है...
रिश्तों की दुहाई मत देना... जज़्बात मर गये है...
नहीं रुकती जिंदगी...अब किसी के जाने से...
लेकिन कुछ हद्द तक जीने का अंदाज बदल जाता है..!
*कौन हिसाब रखें किसको कितना दिया*
*और किसने कितना बचाया*
*इसलिए ईश्वर ने आसान गणित लगाया*
*सब को खाली हाथ भेज दिया, सबको खाली हाथ ही बुलाया*
🌹 *जय श्री महाकाल *🌹
आप मुझ सदी की शब के आफ़���ाब बन गए,
ज़ुल्मतों के हर सवाल का जवाब बन गए।
शुक्रिया अब आँखों का क़ुबूल कीजिए सनम,
मैं निगाह बन गई तो आप ख़्वाब बन गए।
तब हमारे वास्ते कोई चमन भी बन गया,
जब बनी मैं ख़ार आप जब गुलाब बन गए।
तेरी ख़ुशबू से सजी है यह मेरी अंदाज़-ए-मुहब्बत..
मेरी शायरी में जो महक उठती है वो लहज़ा हो तुम!!
Good morning friends
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उम्र भर ज़हर पिया मैंने मगर ज़िंदा हूँ,
हो असर जिसमे कोई ऐसी दवा दे मुझको।
जानलेवा तेरे ज़ख़्मों से मैं आजिज़ आई,
ज़िंदगी या तो शिफ़ा दे या क़ज़ा दे मुझको।।
लो चलो मान लिया मैंने गुनहगार हूँ मैं,
अपनी हर एक सज़ा के लिए तैयार हूँ मैं।
तुम तो अच्छे बने होते बुरा कह कर मुझको,
मेरा होना तो बजा होता कि बेकार हूँ मैं।
तेज़ है और बहुत तेज़ है नफ़रत की हवा,
लौ मगर मेरी नहीं बुझती कभी... प्यार हूँ मैं।
किसी से सम्बंध बनाना,
ऋण लेने जितना आसान है....
पर सम्बन्ध निभाना,
किस्त भरने जितना मुश्किल है..!!
यही दुनिया की रीत है,
लोग निभाते निभाते खत्म हो जातें हैं....
पर कुछ रिश्ते खत्म नहीं होते
जैसे मेरा तुम से रिश्ता है..!!!
क्यूं शर्मिंदा करते हो रोज
हाल हमारा पूछ कर
हाल हमारा वही है जो तुमने
बना रखा है............
Good morning friends
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वो पलक झपकाए तो दिन से रात करती है हमेशा खुले रास्तों पर ही मुलाकात करती है
वो लड़की जो कभी देख कर शर्मा जाती थी आज आंखो में आंखे डाल कर बात करती है
🌹🌹 शुभ संध्या जी🌹🌹
कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना,
यूं बात बढ़ा कर क्या करना..
तुम मेरे थे तुम मेरे हो,
दुनिया को बता कर क्या करना..
तुम खफा भी अच्छे लगते हो
फिर तुम को मना कर क्या करना..
दिन याद से अच्छा गुज़र जाए,
फ़िर तुम को भुला कर क्या करना..
एक मुक्तक देखिएगा ....
बिछड़ा है जबसे.. ज़्यादा वो याद आ रहा है,
हो के जुदा वो मुझको फ़िर आज़मा रहा है।
धागों से नींद के कुछ बाँधे हैं ख़्वाब मैंने,
हर रोज़ उससे मिलने का सिलसिला रहा है।
✍️✍️
आ गया है मुस्कराना पीड़ा में भी
कह देना उन रहनुमाओं से
हुनर सीखा है अभी अभी मैंने
कसक पलकों से छुपाने में।
अश्क़ जो चुभ रहे हैं मेरी नज़रों में
मानो वारिस मिल गया है उनका तुमको।
Theme post
#मोहब्बत को, #मोहब्बत से
#मोहबत हो गई
#मोहब्बत ही, #मोहब्बत पर
#फिदा हो गई
और जब #मोहब्बत को, #मोहब्बत की,
#मोहब्बत ना मिली
तो #मोहब्बत ही, #मोहब्बत पर #फना हो गई.🌹🌹🌹🥰🥰
इक नज़र रूह में हर वक्त बसी हो जैसे।
बंदगी में मेरी हर सांस लिखी हो जैसे।
इस लम्हें में सिमट आया सदियों का सफ़र,
याद बन के मेरे साथ वो जुड़ी हो जैसे ।।
तमन्ना करते हो जिन खुशियों की,
दुआ है वह खुशिया आपके कदमो मे हो,
खुदा आपको वह सब हक़ीक़त मे दे,
जो कुछ आपके सपनो में हो.. 😊🌹
😊🌹
#Good_Morning
Friends 🌹😊
इश्क का कोई बीमा नहीं होता जनाब..
इश्क या तो अधूरा रह जाता है…
या संपूर्ण हो जाता है….
जिस का अधूरा रह जाता है वो "शायर" बन जाता है...
जिस का संपूर्ण हो जाता है वो "शौहर" बन जाता है और ताउम्र घर के लिए राशन सब्ज़ी और फ्री में धनिया लाने लायक रह जाता है। बेचारे का इश्क धरा का
हरीतिमा से अपनी ,
जो वसुंधरा को रंग रहा
कौन अपनी तूलिका से
खेल अनुपम रच रहा ।
कौन कोयल के सुरों को
दे रहा मधुरिमा ,
किसने इंद्रधनुषी ख़्वाब से
मयूर पंखों को रंगा ।
कौन यह अद्भुत चितेरा,
रंग रहा जो जगत सारा ।
कौन यह अद्भुत चितेरा...
✍️ Good morning 🌹😊
दिल रखा है मोम सा सीने की उस दीवार में।
क़ैद फिर कैसे न हो जाऊँ मैं उनके प्यार में।
नूर जैसे ढल गया हो शक्ल में इन्सान की,
मिल गया मुझको मोहब्बत का ख़ुदा संसार में।
तुमको चाहूँ,इतना तो अधिकार मेरा है,बहुत है
तुम नहीं तो क्या?तुम्हारा प्यार मेरा है,बहुत है
माँग का सिंदूर ही तो बस नही मेरा,वगरना
प्यार के आकाश का विस्तार मेरा है,बहुत है
इन खुली आँखों से तुमको देखना वर्जित है,तो क्या?
बंद पलकों का सकल संसार मेरा है,बहुत है
नफरतों ने तोड़ दी मुहब्बत की माला यहाँ
मुहब्बत फिर पिरो दे वो काम अभी बाकी है
बिक गया जमीर उनका यूं तो सरे बाज़ार में
बच गई इंसानियत तो ईमान अभी बाकी है
इश्क के एहसास से जल उठे हैं वह दिए
गफ़लतों से इश्क को इंतज़ाम अभी बाकी है
इश्क़ और मुश्क छिपाने से कहाँ छिपते हैं,
क्या किया किसने किया सामने आएगा सब।
मुझको कहना ही नहीं मेरी सफाई में कुछ,
मुझको कहना है जो कुछ वक़्त बताएगा सब।
पेड़ शर्त नहीं माने इस लिए कट गये
गमलों ने हदें तय की तो आसरा मिला।
कैसे हट जाये धुप से हम साहब
साये में हमारे कयी लोग खड़े है।।
**** शुभ रात्रि मित्रों 💐💐 🙏🙏
केवल बसन्त को न देख ,
पतझड़ का नीरस मौसम भी सह !
सुख की खोज में..
मृगतृष्णा के पीछे न भाग ,
अपने भीतर आत्मिक आह्लाद ढूँढ़ !
कुछ तो ऐसा कर गुज़र
कि - ज़िन्दगी ज़िन्दगी लगे !!✍️ 🌹😊
मैंने एक दिन मंदिर कि दानपेटी में एक सिक्का डालकर भगवान से अच्छे दोस्तों को मांगा ।।
तब भगवान ने तुम सब को हमकी जिंदगी में भेजा
ओर बोला
एक रुपए के सिक्के में ऐसे ही बांगड़ बिल्लै मिलेंगे ।।
हमाउ का गलती
हां नी तो
ज़ख़्म भर कर भी कहीं एक निशाँ छोड़ गया,
याद रक्खेंगे हमें कौन कहाँ छोड़ गया।
आप भी छोड़ गए हम को है बस इसका गम,
फ़र्क़ पड़ता नहीं कि सारा जहाँ छोड़ गया।
शुभ प्रभात
यूं ही इस पाप की गठरी को बढ़ाओगे तुम?
या कभी हरकतों से बाज़ भी आओगे तुम?
इतने अश्कों की मुआफ़ी न मिलेगी तुमको,
रो के काटोगे अगर सबको रुलाओगे तुम।
अस्ल चेहरा ही मुखौटों में कहीं गुम है अब,
कौन सा चेहरा वहां जाके दिखाओगे तुम?
बंद हैं सब खिड़कियाॅं आवाज़ दूं तो किस तरह
फासला है दरमियाॅं आवाज़ दूं तो किस तरह
बांध कर जज़्बात तुमने थाम ली हैं धड़कनें
घुट रहीं हैं सिसकियाॅं आवाज़ दूं तो किस तरह
जिंदगी गीत,,,,,,, मुझको गाने दे
हर ख़ुशी मुझको अब मनाने दे।
उमर के अब सभी पड़ावों पर
हाँ कदम मुझको भी बढ़ाने दे।
सीखने को मिलेगा कुछ तो मुझे,
या तजुरबा नया हो जाने दे।
लम्हा लम्हा बने जो यादें यहाँ,
वक्त से लम्हें कुछ चुराने दे।
सोच रही हु मैं भी शराब पीना शुरू कर दु,,ये दर्द अब बर्दास्त न होता
पर रुपए कहां से लाऊंगी, घरवाले तो गोलगप्पे के लिए भी रुपए नहीं देते शराब के लिए तो कूट के ही रख देंगे मुझे🙄
दोस्तों आज में English में शायरी अर्ज करती हूँ..🙈
तेरी handsome सी सूरत ने 😍
मेरा Simple सा heart तोड़ दिया💔
जिस day से you को देखा 👀
उस night से sleeping छोड़ दिया 😴
जब yaad तुम्हारी आती है 🤗
दिल blood के आंसू रोता है 😢😭
ये ज़ालिम people क्या जाने 😎
यूँ ही चलते चलते
बतौर ए ख़ास....
हमारी हसरतें भी उस घड़ी बेकार होतीं हैं।
तेरी मजबूरियों से जब निगाहें चार होतीं हैं
तुझे देखे बिना भी मुद्दतो से जी रहे हैं हम
वफ़ादारी की ये राहें बड़ी दुश्वार होती है।
🌹🌹शुभ रात्रि 🌹🌹