इस संसार में आठ मंगल हैं - ब्राह्मण, गौ , अग्नि , स्वर्ण , घृत , सूर्य , जल और राजा । इनका सदैव दर्शन , नमस्कार और पूजन करना चाहिए एवं इनको अपने दाहिने करके ही चलना चाहिए - नारदीय स्मृति 18/51-52 एवं गरुड़ पुराण 205/74-75
नमो नमः सुरवरपूजितांघ्रये
नमो नमो निरुपममंगलात्मने
नमो नमो विपुलपदैकसिद्धये
नमो नमः करिकलभाननाय ते ।
ॐगं गणपतये नमः ।
श्री गणेशजी की आपका सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न करें ।आपका मनोरथ पूर्ण हो ।
शुभ प्रभात । मंगलमय बुधवार
वाराणसी में कालभैरव के पास दण्डपाणि का मन्दिर है ।दण्डपाणि पूर्व मे हरिकेश यक्ष थे ।यह महान् शिवभक्त थे।इनके पिता पूर्णभद्र ने शिव की तपस्या कर इन्हें पुत्ररूप में प्राप्त किया था । शिव ने हरिकेश को दण्डपाणि नाम देकर दुष्टों को दण्ड देने व पुण्यवानो की रक्षा का निर्देश दिया
नमस्ते भगवान् विष्णो लोकानां प्रभवाप्यय।
त्वं हि कर्ता हृषीकेश संहर्ता चापराजितः ।
ॐनमो नारायणाय ।
भगवान् हृषीकेश आपकी अहर्निश रक्षा करें ।आपका मंगल हो । आप शतायु, सुखी और यशस्वी हों ।
मंगल प्रभात । शुभ गुरुवार ।
पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवीर्य
वक्त्रं सुशंखविधृतं कपिराजवर्यंम् ।
पीताम्बरादिमुकुटैरभिशोभितांगं
पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि ।
ॐहं हनुमते नमः।
श्री हनुमान जी आपके लिए विजय के कारक बने ।आपकीरक्षा करें । आपका सर्वथा मंगल हो ।
शुभ प्रभात ।
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नमस्ते कोणसंस्थाय पिंगलाय नमोsस्तु ते।
नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोsस्तु ते ।
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च।
नमस्ते यम संज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मन्दसंज्ञाय शनैश्चर नमोsस्तु ते
महाग्रह शनि देव की कृपा आप पर बनी रहे । आपका अभ्युदय हो।
मंगल प्रभात। शुभ शनिवार।
दस प्रकार के लोग धर्म को नहीं जानते - नशे में मतवाला, असावधान, पागल, थका हुआ, क्रोधी, भूखा, जल्दबाज, लोभी , भयभीत और कामी । अतः इन सब लोगों में विद्वान आसक्ति न बढावे - महाभारत विदुर नीति ।
धर्म को जानना आवश्यक है । धर्म में रुचि और आस्था रखना ज़रुरी है । मेरे विचार से हर व्यक्ति को धार्मिक होना चाहिए । धर्म का आचरण करने से अनैतिक कार्यों से दूरी बनती है । दुर्भाग्य है कि आजकल लोग वास्तव में धार्मिक कम है किन्तु धार्मिक होने का दिखावा और प्रचार ज़्यादा करते हैं
अक्षस्य वधकर्त्रे च ब्रह्मपाशनिवारिणे
लक्ष्मणाङ्गमहाशक्तिघातक्षतविनाशिने।
रक्षोघ्नाय रिपुघ्नाय भूतघ्नाय च ते नमः
ऋक्षवानरवीरौघप्राणदाय नमो नमः।।
ॐ हं हनुमते नमः ।
श्री हनुमान जी आपकी रक्षा करें और आपका अभीष्ट सिद्ध करें ।
मंगल प्रभात, शुभ मंगलवार
गंगापुत्र (भीष्म)
देवकीनंदन (कृष्ण)
कुन्तीपुत्र (अर्जुन)
सौमित्र (लक्ष्मण)
भवानीनन्दन ( गणेश)
अंजनिपुत्र ( हनुमान )
कौशल्येय ( राम )
उमापुत्र ( कार्तिकेय )
रोहिणेय ( बलराम )
इन महान लोगों कीपहचान इनकी माता के नाम से.
माता के महत्त्व को दर्शाती सनातन संस्कृति
स्कन्दपुराण के माहेश्वरखण्ड के अध्याय 23 में एक कन्या को दस पुत्रों के बराबर कहा गया है दशपुत्रसमा कन्या दशपुत्रान्प्रवर्द्धयन् ।यत्फलं लभते मर्त्यस्तल्लभ्यं कन्ययैकया ।
कोई व्यक्ति दस पुत्रों के पालन से जो फल प्राप्त करता है वह केवल एक कन्या के पालन से प्राप्त होता है ।
नास्ति शर्वसमो देवो नास्ति शर्वसमा गतिः।
नास्ति शर्वसमो दाने नास्ति शर्वसमो रणे।।
महाभारत ।
शिव के समान कोई देवता नहीं है, शिव के समान कोई गति नहीं है, शिव के समान कोई दानी नहीं है तथा शिव के समान कोई योद्धा नहीं है।
ॐनमः शिवाय।
शिवजी आपका उत्कर्ष करें ।
मंगलप्रभात। शुभसोमवार।
कल मकरसंक्रान्ति है । इसदिन सुबह किसी पवित्रनदी में स्नान करना चाहिए ।कल रविवार होने से सूर्य संक्रान्ति का अधिक महत्त्व है । अतः कल आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ अधिक लाभकारी होगा । कल खिचड़ी और तिल के बने मिष्टान्न खायें और गरीबो को खिलाये । ब्राह्मण को खिचड़ी और द्रव्य कादान भी करे