कभी यूं भी आओ मेरे करीब तुम,
मेरा इश्क़ मुझे खुदा सा लगे...
मेरी रूह में तुम उतरो जरा,
मुझे अपना भी तो कुछ पता लगे...
कैद हो जाऊं ऐसे तेरी बाहों में,
ना रात की खबर,ना दिन का पता लगे...
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ,
मोहब्बत हो गई जिन को वो दीवाने कहाँ जाएँ...
लगे हैं शमा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएँ...
हम दहलीज पर खड़े रहेंगे मगर इश्क़ नहीं आएगा,
आदत थीं देर से आने की लेकिन अब नहीं आएगा,
वो इरादा कर चुका हैं बीच राह में छोड़ जानें का,
अब दिल में कोई नहीं आएगा अगर वो नहीं आएगा ।।
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ,
मोहब्बत हो गई जिन को वो दीवाने कहाँ जाएँ...
लगे हैं शमा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएँ...
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ,
मोहब्बत हो गई जिन को वो दीवाने कहाँ जाएँ...
लगे हैं शमा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएँ...
दो घड़ी के साथी को हमसफ़र समझते हैं
किस क़दर पुराने हैं , हम नए ज़माने में,
एहतियात रखने की कोई हद भी होती है
भेद हम ने खोले हैं , भेद को छुपाने में,
तेरे पास आने में आधी उम्र गुजरी है
आधी उम्र गुज़रेगी तुझ से दूर जाने में।
जब भी हम उसका चेहरा देखते हैं
जगती आँखों से सपना देखते हैं
तसव्वुर में देखते हैं उसे देखते हुए
फिर खिड़की पर लगा पर्दा देखते हैं
कुछ लोग रखते हैं पाकीज़ा मोहब्बत
कुछ लोग मोहब्बत में कमरा देखते हैं।
दिल दीजिए तो वफ़ा कीजिए।
हक मोहब्बत का अता कीजिए।
बेकरारी सी लगी है मेरे दिल को
मेरे लिए भी कोई दुआ कीजिए।
इश्क में हालत अजीब होती है
हाल ए दिल हमसे सुना कीजिए।
दीवाने हुये फिरते हैं तेरी चाहत में,
इससे ज्यादा और क्या कीजिए।
तुम को तूफ़ान से लड़ना जो नहीं है मंज़ूर,
फिर तो बेहतर है कि कश्ती नहीं साहिल हो जाओ,
इम्तिहाँ इश्क़ में होना है तो होगा वो ज़रूर,
आग के खेल में पहले ही से शामिल हो जाओ ।
हर शय में तुझको ही देखना
इश्क़ है…
हर बात में ज़िक्र तुम्हारा करना
इश्क़ है…
हर ख़याल में सिर्फ़ तुम्हारा होना
इश्क़ है…
हर साँस में तेरी ख़ुश्बू का होना
इश्क़ है…
हर पल तुम्हारे ही घेरे में रहना
इश्क़ है…
All those responsible for Beef, Fish, animal fat in Parsad need to be ARRESTED & PUNISHED as Terrorists.
1857 war of revolution was fought for this & here they dare do this.
कितने पन्नों में रोशनी कर दी,
लिख के तेरा नाम चांदनी भर दी,,
मैं मुकम्मल भी अधूरा ही रहा,
जब से तेरे नाम ज़िन्दगी कर दी,,
कितने गुमसुम से अल्फाज़ दबे बैठे थे,
एक तेरी याद ने खलबली कर दी ll
कभी कभी तिरी आवाज़ पर रुकूं भी नहीं
कि तू पुकारे मुझे और मैं सुनूं भी नहीं
इस इन्तेज़ार में ज़िद का भी एक पहलू है
किवाड़ खोल दूं और रास्ता तकूं भी नहीं
वो दूर हो तो लगे उस से कोई रिश्ता है
क़रीब आए तो मैं उसका कुछ लगूं भी नहीं
हम दहलीज पर खड़े रहेंगे मगर इश्क़ नहीं आएगा,
आदत थीं देर से आने की लेकिन अब नहीं आएगा,
वो इरादा कर चुका हैं बीच राह में छोड़ जानें का,
अब दिल में कोई नहीं आएगा अगर वो नहीं आएगा ।।
रात जो तुम बिन मुकम्मल नहीं,
सुबह जो तुम बिन हुई ही नहीं,
ख़्वाब वो जिनमें सिर्फ़ तुम आते,
अहसास जिनमें हर लम्हा तुम साथ,
खवाहिशें जो अब कुछ बचीं ही नहीं,
"इश्क़" जो हमनें सिर्फ़ तुमसे किया..!!
मेरी आंखों में तुम दबी दबी सी रहती हो ;
मेरे अश्कों में तुम छुपी छुपी सी रहती हो !
कहां तुम मुझसे एक पल भी दूर रहती हो ;
तुम मेरे हर अहसास में बसी हुई रहती हो !
दूर होकर भी तुम'से कहां दूर रह पाता हूं मैं ;
तुम तो मेरे दिल की हर धड़कन में रहती हो !!
बस एक बार तेरे रूबरू होने की तमन्ना है, तुमसे कुछ कहने कुछ सुनने की तमन्ना है,
तेरी निगाहों से दूर बहुत दूर रह लिए हम, कुछ पल अब तेरी पनाहों में रहने की तमन्ना है...!
म���री चाहत है वह एक नजर देखे मुझे..
वह जो देखे तो धड़कन रुक जाए कहीं,
वह जो देखे तो वो पल थम जाए वही,
वह जो देखे तो नजर मिल जाए कहीं,
वह जो देखे तो शायरी बन जाए कई,
मेरी चाहत है वह एक नजर देखे मुझे..
हाँ अंजाम-ए-मोहब्बत से भी डर रहा हूँ मैं,
लेकिन प्यार फिर भी उससे कर रहा हूँ मैं,
उस लड़की को लोग फ़रेबी कहते हैं फ़रेबी,
दिल-ओ-जान से उसी पे मर रहा हूँ मैं,
पागल कहो बेवक़ूफ़ कहो जो भी कहो मुझे,
मेरा काम है "मोहब्बत" वही कर रहा हूँ मैं।
Parso payout aane wala hai aur mere 2k follower nh hue abhi tk bhai ab to Krdo follow agar 27 ko payout nh aaya to iske zimmedar tum honge sathiyo 😭😭
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कितने पन्नों में रोशनी कर दी,
लिख के तेरा नाम चांदनी भर दी,,
मैं मुकम्मल भी अधूरा ही रहा,
जब से तेरे नाम ज़िन्दगी कर दी,,
कितने गुमसुम से अल्फाज़ दबे बैठे थे,
एक तेरी याद ने खलबली कर दी !!!
तेरे चेहरे की वो खूबसूरत तस्वीर कहा से लाऊं,
हर लम्हा तेरे साथ गुजरे ऐसी तकदीर कहा से लाऊं,
मैं मांगता हूँ हर जनम में सिर्फ तेरा ही साथ,
तू ही बता मेरे हाथो में वो लकीर कहा से लाऊं…!
मिल जाओ , तुम हसीन मोड़ पर कभी
तुम्हें हमसे , हमें तुमसे मुहब्बत हो जाए
कोई मोड़ ना आए , राह ए इश्क़ में फिर
तुम धड़कन बनो , हम तेरी साँसे हो जाए
दो क़दम चाहे मिले संग चलने की दुआ
तीसरे क़दम पर , तेरे बाँहों में फ़ना हो जाए ।
मेरे इश्क़ की आग में हाथ सेक लेना तुम,
मैं जब तुम्हें पुकारूँ बस देख लेना तुम ,
तुम्हारे पास आने को अगर हज़ार कदम लगेंगे,
999 मैं लूँगा बस एक लेना तुम ।
कभी फुरसत निकालो हमारी मोहब्बत के वास्ते,
हम साथ में घूमेंगे बनारस के हर एक रास्ते,
टपरी पर चाय पिएं और कुछ बात हो जायेगी,
यूं ही बनारस की खूबसूरत सी रात हो जायेगी.!
तुमसे मिलकर दिल को थोड़ा सुकून मिल जाएगा,
हमारी तन्हा सी ज़िंदगी का कुछ वक्त कट जाएगा.!!
दिल दीजिए तो वफ़ा कीजिए।
हक मोहब्बत का अता कीजिए।
बेकरारी सी लगी है मेरे दिल को
मेरे लिए भी कोई दुआ कीजिए।
इश्क में हालत अजीब होती है
हाल ए दिल हमसे सुना कीजिए।
दीवाने हुये फिरते हैं तेरी चाहत में,
इससे ज्यादा और क्या कीजिए।!!
चाहत उसे पाने की हम खूब रखते हैं ,
लेकिन उसे खोने से भी हम डरते हैं,
उसकी मुस्कुराहट का हर रोज दीदार हो बस इसलिए जाना,
जज्बातों पर हम हद से ज़्यादा काबू रखते हैं ।
दिल दीजिए तो वफ़ा कीजिए।
हक मोहब्बत का अता कीजिए।
बेकरारी सी लगी है मेरे दिल को
मेरे लिए भी कोई दुआ कीजिए।
इश्क में हालत अजीब होती है
हाल ए दिल हमसे सुना कीजिए।
दीवाने हुये फिरते हैं तेरी चाहत में,
इससे ज्यादा और क्या कीजिए।