“पिता जिसके रक्त ने उज्ज्वल किया कुल-वंश-माथा,
माँ वही जो दूध से इस देश की रज तोल आई,
बहन जिसने सावनों में भर लिया पतझर स्वयं ही,
हाथ न उलझें कलाई से जो राखी खोल लाई,
प्रिया जिसकी चूड़ियों से सितारे से टूटते थे,
माँग का सिंदूर देकर जो उजाले मोल लाई..।”🙏
😢🇮🇳🙏