Bharmal choudhary
13 days
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एक युद्ध है ! ���हां योद्धा (विद्यार्थी) न केवल जूझता है ! सिलेबस और मोटी किताबों से, बल्कि जूझता है -:
विपरीत परिस्थितियों से, खोते हुए धैर्य से, डगमगाते आत्मविश्वास से, टूटती हुई उम्मीद से, तुम कब सफल होगे ? जैसे असंख्य के सवालों से, पर इनसे लड़ने का