साहिर लुधियानवी जी ने ठीक ही लिखा थाःचीनो अरब हमारा,सारा जहां हमारा,रहने को घर नहीं है,हिंदुस्तान हमारा ,इस लिए सरकार कोई भी आए,वोह अपने नागरिकों की सुख सुबिधा पर ध्यान नहीं देती है,हिंदू मुस्लमान ही करती रहती है,अपनी उपलब्धियां कभी नहीं गिनाती है,दूसरी सरकारों की खामियां गिनाती