हम तान सुनाते मुरली की,पर नाग नाथना आता है
हम सागर को मथ सकते है,औ सेतु बांधना आता है
हम असुरों के संहारक है,हम दुश्मन दल के काल बने
माँ दुर्गा , और माँ पार्वती,माँ काली सम विकराल बने
हम शरणागत के रक्षक है,दुश्मन के लिए हम सायक है
श्री ���ाम प्रभु के वंशज हम,केशव से अपने नायक है