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Dr. Rajendra Prasad Singh

@563Rajendra

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A well known linguist, critic, author and historian. ।। अत्त दीपो भव ।।

Sasaram, India
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
भारत का कोई भी प्रसिद्ध मंदिर खुदाई में धरती के नीचे से नहीं मिला है, जबकि कोई भी प्रसिद्ध बौद्ध विहार और स्तूप धरती के ऊपर नहीं मिले हैं। कौन प्राचीन?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
जो जीता वह सिकंदर, जो सिकंदर को जिताया वह सेल्यूकस, जो सेल्यूकस को जीता वह मौर्य और जो मौर्य को भी जीता वह धम्म है। बधाई बुद्ध पूर्णिमा!
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य राजाओं को संस्कृत नहीं आती थी और चाणक्य को प्राकृत नहीं आती थी तो विचार कीजिए कि मौर्य राजा कैसे चाणक्य से सलाह लेते थे?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बड़े पैमाने पर बौद्ध ग्रंथ जला दिए तो बड़े पैमाने पर संस्कृत ग्रंथ बचे कैसे रह गए?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
पीपल में भूत बसते हैं। यहाँ बुद्ध को ही लक्ष्य कर भूत कहा गया है। बुद्ध आत्मा को नहीं मानते थे। लेकिन यहाँ मृतकों की आत्माएं पीपल में बसती हैं। पीपल में घंट टांग जाता है। सब बौद्ध सभ्यता का छद्म विरोध है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
कनिष्क ने भारत को जीता, लेकिन धम्म ने कनिष्क को जीता और वे बौद्ध हो गए.....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
राम ने रावण को मारा, कृष्ण ने कंस को मारा, मगर बुद्ध ने अंगुलिमाल को मारा नहीं, सुधार दिया....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मेगस्थनीज ने मथुरा में जिस हेराक्लीज का आदर किए जाने का जिक्र किया है, वह हेराक्लीज कृष्ण नहीं बल्कि बुद्ध हैं। विस्तार के लिए फेसबुक पर जाएँ।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
राम ने रावण को मारा, कृष्ण ने कंस को मारा, लेकिन बुद्ध ने अंगुलिमाल को मारा नहीं बल्कि सुधार दिया....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
नालंदा महाविहार के नाम का जलवा 21 वीं सदी में भी बरकरार, जापान के ओसाका में बना -- नालंदा महाविहार वर्ल्ड बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
दुनिया भर में खुदाई से सर्वाधिक मूर्तियाँ मिलने का रिकाॅर्ड तथागत के नाम दर्ज है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बड़े पैमाने पर बौद्ध - ग्रंथ जला दिए तो फिर बड़े पैमाने पर संस्कृत - ग्रंथ बचे कैसे रह गए?
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@563Rajendra
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10 months
भूटान को पता है कि भारत ने दुनिया को क्या दिया, मगर भारत को नहीं पता कि हमने दुनिया को क्या दिया?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
दुनिया को पता है कि भारत ने हमें क्या दिया, लेकिन भारत को नहीं पता है कि हमने दुनिया को क्या दिया। इसीलिए भारत में सबसे ऊँची मूर्ति बुद्ध की नहीं है, जबकि चीन, जापान, म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका, भूटान आदि देशों में बुद्ध से ऊँची किसी की मूर्ति आज तक नहीं बनी है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
सीधे खबर चीन से आ रही है कि वहाँ की यांग्त्जी नदी में पानी घटने से तीन बुद्धिस्ट मूर्तियाँ निकल कर सामने आई हैं।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
सिकंदर ने एशिया की 5% जमीन जीती, बुद्ध के विचारों ने पूरे एशिया को जीता.....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
प्रधानमंत्री जी यही आपका गाँव वडनगर है। कभी बौद्ध विहारों का नगर था। ह्वेनसांग 641 ई. में आपके गाँव गए थे। तब वहाँ 1000 से अधिक बौद्ध भिक्खु रहते थे। 10 बौद्ध विहार थे। ये बौद्ध विहार आपके गाँव में मिला है। अपना घर खोजिए, प्रधानमंत्री जी।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
कबीर खुद बड़े संत थे, कबीर ने रैदास को संतों का संत कहा, विचार कीजिए रैदास कितने बड़े संत थे।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
धर्मग्रन्थों ने रैदास की जाति को अछूत घोषित किया तो रैदास ने उन धर्मग्रन्थों को ही अछूत घोषित कर दिया।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
शंकराचार्य के मठ भारत के चार कोनों में स्थापित हुए, देश से बाहर कहीं नहीं, जबकि बौद्ध मठ चीन और कोरिया ही नहीं बल्कि तुर्की तक में स्थापित हुए थे। असली जगतगुरु कौन है?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
पाकिस्तान के बौद्ध कालीन शहर बाजीरा की खुदाई में मौर्य काल का बौद्ध विहार मिला। ब्रेकिंग न्यूज।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
छठ मूल रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र का पर्व है। ये पूरा इलाका वहीं है, जहाँ गौतम बुद्ध पैदल घूमा करते थे। आश्चर्यजनक रूप से छठ के प्रसाद के रूप में जो ठेकुए या अघरवटा बनाए जाते हैं, उस पर पीपल - पाँत और धम्म चक्र की छाप होती है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
प्राचीन काल में सबसे अधिक मूर्तियाँ गौतम बुद्ध की बनीं और आधुनिक काल में डा. अंबेडकर की।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
धम्म से ही धाम बना है, चारों धाम की यात्रा पूरी हुई, लुंबिनी - फिर बोध गया - फिर सारनाथ - और अंत में कुशीनगर.....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
बुद्ध के पास शस्त्र - विद्या थी, लेकिन उनको लगा कि ज्ञान उसके आगे की चीज है ......
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
18 कैरेट सोने की बनी दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति तथागत की है। 13 - 14 वीं सदी की बैंकाॅक में स्थित इस 5500 किलोग्राम वजनी मूर्ति की कीमत आज 20 अरब रुपये से अधिक है। यह लूटेरों से बचाव के लिए पक्की हुई मिट्टी और रंगीन काँच के प्लास्टर ढँकी हुई थी। 1955 में पता चला कि यह सोने की है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
फूलन देवी ने बौद्ध धम्म उस स्थान पर अपनाया था, जहाँ डॉ. अंबेडकर ने अपनाया था। उस तिथि को अपनाया था, जिस तिथि को गुरु रैदास का जन्म हुआ था। उस मार्ग को अपनाया था, जिसे गौतम बुद्ध ने बताया था। 15 फरवरी,1995 को फूलन देवी के समक्ष बुद्ध, रैदास और डॉ.अंबेडकर का अद्भुत समागम हुआ था।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
इंसान को इंसान बनाने के लिए बुद्ध ने राज्य छोड़ा, फुले ने घर छोड़ा और डॉ. अंबेडकर ने धर्म छोड़ा।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
नागपुर की दीक्षाभूमि में 24 अक्टूबर, 2023 को जंबूद्वीप के महान सम्राट असोक की 10 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित होगी।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
तथागत बुद्ध ही है। लिपि में लिखा है। साड़ी पहनाकर देवी बना दिया गया है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
राजा बलि, वीर महिषासुर और छत्रपति शिवाजी महाराज को इतिहास की कब्र से खोदकर फिर से सँवारने वाले ज्योतिपुंज ज्योतिराव फुले का आज परिनिर्वाण दिवस है..... फूलों की बरसा!!!
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
बौद्ध स्तूप की खुदाई में ही सिंधु घाटी की सभ्यता मिली है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
अच्छा किया हमारे पुरखों ने लिख दिया ....दो हजार साल पहले लिख दिया - बोधासा साकामुनिसा पदानि अर्थात यह चरण - चिह्न शाक्यमुनि बुद्ध का है वरना कब और कौन इस चरण - चिह्न को किसका बताएगा, क्या पता?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
बन रहा था राम मंदिर और जमीन के नीचे मिले बुद्ध। कृष्णा जिले (आं.प्र.) के मेदुरु गांव की कुछ साल पहले की घटना है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
बुद्ध यदि विष्णु के अवतार होते तो वे आस्तिक धारा में आते, लेकिन वे नास्तिक धारा में आते हैं, इसलिए वे विष्णु के अवतार नहीं हैं।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
भारत में अनेक विदेशी आए, सोना ले गए, चाँदी ले गए....वे ज्ञान के भूखे बौद्ध थे, जो किताबें ले गए।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
7 months
भारत पर अनेक बौद्ध राजाओं ने शासन किया- सम्राट असोक, कनिष्क और हर्षवर्धन से लेकर धर्मपाल तक! इन बौद्ध राजाओं ने बुद्ध की अनेक मूर्तियां बनवाईं, अभिलेख लिखवाए। मगर इन बौद्ध राजाओं ने अपने अभिलेखों में कहीं नहीं लिखवाया कि बुद्ध विष्णु के अवतार हैं और न ऐसी कोई मूर्तियां बनवाईं।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 months
अगर बहुजन के हित में बोलने वाले कोई पत्रकार का नाम मुझसे पूछे तो मैं शंभू जी (नेशनल दस्तक) का नाम लेने में एक पल नहीं लगाऊॅंगा। अगर बहुजन पत्रकारिता के क्षेत्र में युग का विभाजन हो तो यह इक्कसवीं सदी के आरंभिक दो दशक शंभू- युग कहलाएगा।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
ईसा को असभ्य तरीके से मारा गया, लेकिन आत्मा को नकारने वाले बुद्ध को महात्मा कहकर सभ्य तरीके से मारा गया।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
गणिका का मूल अर्थ है - गण की स्त्री न कि वेश्या, भला हो कि इतिहासकारों ने गणराज्य का अर्थ वेश्यालय नहीं माना।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
पीपल में भूत नहीं बल्कि बुध बसते हैं।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
7 months
भारत का कोई भी प्रसिद्ध मंदिर खुदाई में धरती के नीचे नहीं मिला, जबकि भारत का कोई भी प्रसिद्ध बौद्ध विहार बगैर खुदाई धरती के ऊपर नहीं मिला। बताइए, कौन - सा प्राचीन अवशेष है - धरती के ऊपर का या धरती के नीचे का?
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
7 months
फाहियान, ह्वेनसांग, इत्सिंग और हाइचो किसी ने नहीं लिखा कि तथागत बुद्ध किसी विष्णु के अवतार हैं। भारत में किसी ने इन्हें नहीं बताया कि बुद्ध किसी विष्णु के अवतार हैं। अनेक बौद्ध स्थलों की यात्राएं की, मगर बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में पूजे जाते हुए इन्होंने नहीं देखा।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
भारत में जैसे अंग्रेजी में गाँवों के नाम नहीं हैं, वैसे ही संस्कृत में भी नहीं हैं ....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य साम्राज्य का पतन बौद्ध धम्म को अपनाने के कारण नहीं बल्कि उसे छोड़ने के कारण हुआ।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
चीन, जापान और कोरिया के लोग बौद्ध भारत को ही स्वर्ग मानते थे और हम भारत के लोग आकाश में स्वर्ग खोज रहे हैं।
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@563Rajendra
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3 years
चीन, जापान और कोरिया में बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है, यह भारत में ही माना जाता है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
आर्य आए द्रविड़ों के देश में, इसलिए आर्य हुए गैर द्रविड़ .....न कि द्रविड़ हुए अनार्य .... अंग्रेज आए भारत में तो अंग्रेज हुए अभारतीय ....न कि भारतीय हुए गैर अंग्रेज। अपना देश! अपना इतिहास!!....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
मध्य काल में फारसी आई तो हिंदी में फारसी के शब्द आ गए। आधुनिक काल में अंग्रेजी आई तो अंग्रेजी के शब्द हिंदी में आ गए। लेकिन प्राचीन काल में अशोक के शिलालेखों में एक भी शब्द संस्कृत के नहीं हैं। यदि अशोक के जमाने में संस्कृत रहती तो शिलालेखों में संस्कृत के शब्द जरूर आते।
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@563Rajendra
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8 months
ई. वी. रामास्वामी ने 94 साल तक जिंदा रहकर साबित किया कि नास्तिकता और मृत्यु के बीच कोई संबंध नहीं है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
सिख धर्म का पंज - प्यारे बौद्ध धर्म के पंच - वग्गिय के तर्ज पर बना है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
कुछेक लोग कहते हैं कि मैं बुद्ध को नहीं मानता तो बुद्ध खुद ही कहते हैं कि मुझे मत मानो, अपना दीपक स्वयं बनो।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
यदि बुद्ध के अहिंसा - सिद्धांत से देश गुलाम हुआ तो गाँधी के अहिंसा - सिद्धांत से देश आजाद कैसे हुआ? इतिहासकार मुँह देखकर फैसला सुना देते हैं।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
तेलंगाना की मंजीरा नदी के तट पर कुल्चाराम के पास टेराकोटा पर लिखा मिला है ---- ओम् नमो बुद्दाय। दो हजार साल से भी अधिक पुराना है। पुरातत्व में इतना पुराना ओम् नमो लिखा मंत्र किसी दूसरे देवी - देवता का नहीं मिलता है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य काल में चाणक्य का कोई पुरातात्विक सबूत नहीं मिलता, चपड़ का मिलता है, जो अशोक के कुछ शिलालेखों के लेखक थे।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
चूँकि बुद्ध को भारत में विष्णु का अवतार बाद में घोषित किया गया, इसीलिए चीन और जापान से लेकर कोरिया तक बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
चीन के एक राजकुमार की आँखें जब दुनिया में कहीं ठीक नहीं की जा सकीं, तब इसी तक्षशिला में चीरकर ठीक की गईं थीं। भगवतशरण उपाध्याय
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
तमिलनाडु के सलेम जिले में स्थित पेरियारी गाँव में थलाइवेट्टी मुनियप्पन का मंदिर है, मुनियप्पन की पूजा दूसरे देवता के रूप में होती थी। मद्रास हाई कोर्ट ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट पर आदेश दिया है कि यह बुद्ध की मूर्ति है और वहाँ बुद्ध की मूर्ति का बोर्ड लगाइए।
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@563Rajendra
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3 years
एशिया के आधा का भी आधा भाग नहीं जीत सकने वाला सिकंदर यदि विश्वविजेता है तो लाइट आॅफ एशिया विश्वगुरु कैसे नही?
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3 months
पाँच हजार प्रतिमाएँ तो पूरे भारत में भी किसी लोकनायक की नहीं मिली, अकेले बुद्ध की पाँच हजार प्रतिमाएँ सिर्फ ब्रजमंडल में मिलीं...पूरे भारत की तो बात ही मत कीजिए।
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@563Rajendra
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2 years
अरस्तू को प्लेटो ने प्रभावित किया, प्लेटो को पाइथागोरस ने प्रभावित किया, लेकिन पाइथागोरस को बुद्ध ने प्रभावित किया है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
ह्वेनसांग ने लिखा है कि महापरिनिर्वाण के समय तथागत का सिर उत्तर दिशा की ओर था। उनके शरीर को अंतिम संस्कार के लिए नदी के किनारे नगर के उत्तर की ओर ले जाया गया था। ये सब बौद्ध परंपराएँ हैं। वे तमाम लोग बौद्ध हैं, जो इन परंपराओं को युगों - युगों से आज भी जिंदा रखे हैं।
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@563Rajendra
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2 years
भारत में निचले तबके के लोगों को गुलाम बनाने के लिए अनेक पुस्तकें लिखी गईं, उन्हें प्रताड़ित करने के लिए अनेक सिद्धांत ईज़ाद किए गए, वो बाबा साहब थे, जिन्होंने निचले तबके के लोगों को इंसान बनाने के लिए अनेक पुस्तकें लिखीं, अनेक सिद्धांत ईज़ाद किए। जयंती पर जय!
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@563Rajendra
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9 months
आश्चर्य कि जिन - जिन महापुरुषों ने जातिवाद का विरोध किया, उन्हीं के आंदोलनों को जातिवादी बता दिया गया और बाकी राष्ट्रवादी आंदोलन हो गए।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
थेर से ही थ्योरी ( THEORY ) बना है, इसीलिए बुद्ध के विचार को सिद्धांत कहा जाता है।
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@563Rajendra
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3 years
खबर नालंदा जिले के मकनपुर गाँव से आ रही है कि बाँध के किनारे भैंस के चरवाहों को तीन फीट ऊँची बुद्ध की प्रतिमा मिली है....
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@563Rajendra
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10 months
मैं किसी का अंधभक्त नहीं हूँ, बुद्ध का भी नहीं, आप यही कहकर बौद्ध हो जाते हैं....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया के किसी भी धर्म संस्थापक की जयंती नहीं मनाता, यदि मनाता है तो भारत के महान सपूत गौतम बुद्ध की। बधाई बुद्ध पूर्णिमा!
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@563Rajendra
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10 months
जापान में भारत!
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@563Rajendra
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जोतिराव फुले ने सबसे पहले रायगढ़ में शिवाजी की समाधि खोजी थी। उन्होंने ही सबसे पहले शिवाजी की पहली जयंती मनाई थी। उन्होंने ही सबसे पहले शिवाजी पर पोवाड़ा में पहली किताब लिखी थी। उन्होंने ही शिवाजी राज्याभिषेक तिथि पर 24 सितंबर को सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
बुद्ध अवतार नहीं हैं बल्कि अवतार ही बुद्ध के अवतार हैं। अवतार की परिकल्पना बुद्ध के बाद की गई है। इसीलिए अवतारों की मूर्तियाँ और उनका पुरातत्व में जिक्र बुद्ध के बाद मिलते हैं।
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@563Rajendra
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2 years
12 वीं सदी में भारत से नालंदा बौद्ध महाविहार मिटा तो 8 वीं सदी में श्रीलंका ने, 15 वीं सदी में तिब्बत ने, फिर 18 वीं सदी में भूटान ने और 21 वीं सदी में जापान ने अपने देश में नालंदा बौद्ध महाविहार बना दिया, इस प्रकार नालंदा बौद्ध महाविहार की धारा कभी रुकी नहीं। ज्ञानभूमि को नमन!
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@563Rajendra
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यही कारण है कि पुराने जमाने में अनेक पुस्तकों का पालि से संस्कृत में अनुवाद हुआ, लेकिन संस्कृत से पालि में अनुवाद नहीं हुआ.....
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@563Rajendra
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मनुष्य को अहिंसक होते सुना है, लेकिन स्टेट भी अहिंसक हो सकता है, यह दुनिया के सामने " भारत में असोक - राज " ने साबित किया.....
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
चीन, जापान, म्यांमार, थाईलैंड, भूटान, श्रीलंका जैसे देशों में बुद्ध से ऊँची मूर्ति किसी की नहीं है। लेकिन अफसोस कि बुद्धभूमि भारत में सबसे ऊंची मूर्ति किसी और की है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
अरस्तू को प्लेटो ने प्रभावित किया, प्लेटो को पाइथागोरस ने प्रभावित किया और कनिंघम ने लिखा है कि पाइथागोरस को बुद्ध ने प्रभावित किया।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
पढ़िए लिखा है --- ओम् नमो बुद्दाय। दो हजार साल से भी अधिक प्राचीन है।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
सम्राट अशोक ने 84000 स्तूप बनवाए तो तिब्बत के साक्या बौद्ध मठ ने 84000 पुस्तकें संगृहीत की।
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@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
जिस पीपल वृक्ष के नीचे तथागत बुद्ध क�� यह ज्ञान मिला कि आत्मा जैसी कोई चीज नहीं है, प्रतिगामियों ने उसी पीपल पर घंट टांगकर विरोध किया कि आत्मा है। भारत में तथागत का विरोध करने के अनेक सूक्ष्म तरीकों की खोजें हुईं हैं।
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2 years
व्यवस्था उसे कहते हैं जिससे समाज व्यवस्थित हो, काहे को जाति - व्यवस्था और वर्ण - व्यवस्था, सब अव्यवस्था है, व्यवस्था कह कर मूर्ख बनाया गया है तथा वर्ण और जाति को गौरवान्वित किया गया है।
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3 years
वेदों पर जो विश्वास करे, वह आस्तिक, जो नहीं करे, वह नास्तिक है। आस्तिक और नास्तिक की परिकल्पना वेद रचे जाने के बाद की है। इसलिए बुद्ध को बुद्ध के जमाने में नास्तिक नहीं कहा गया है, बाद में कहा गया है।
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9 months
स्वतंत्र भारत में डा अंबेडकर 2 बार लोक सभा के चुनाव लड़े थे और दोनों बार हार गए। जबकि जगजीवन राम 8 बार लोक सभा के चुनाव लड़े थे और आठों बार जीत गए। मगर बहुजन समाज की सैद्धांतिकी डाॅ. अंबेडकर के विचारों पर खड़ी है।
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2 years
इब्न हौकल 10 वीं सदी में बगदाद से भारत आए थे। उनके बनाए नक्शे में भारत को " बुद्ध देश " लिखा हुआ है। ( सय्यद सुलैमान नदवी की पुस्तक " अरब और भारत के संबंध " से साभार )
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3 years
पुरानी बाइबिल में 5642, नई बाइबिल में 4800, मिल्टन में 8000 और डाॅ. अंबेडकर की अंग्रेजी में लगभग 8500 शब्दों का प्रयोग हुआ है।
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6 months
सासाराम के असोक शिलालेख की हुई सफाई! पुरातत्व विभाग को बधाई!!
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10 months
Tianzhu ( चीनी भाषा ), Tenjiku ( जापानी भाषा ) और Cheongug ( कोरियाई भाषा ) से साबित होता है कि चीन, जापान और कोरिया के लोग बौद्ध भारत को ही स्वर्ग मानते थे और हम भारत के लोग आकाश में स्वर्ग खोज रहे हैं।
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3 years
राजा सुद्धोदन के हल चलाने के इतिहास से राजा जनक की कथा प्रेरित है।
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10 months
कनिष्क ने भारत को जीता, मगर भारत की संस्कृति ने कनिष्क को जीता और वह बौद्ध हो गया.....
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10 months
स्वीडन में बुद्ध की मूर्ति मिली है। स्वीडन सरकार ने उसी मूर्ति की प्रतिकृति बना कर डाक टिकट जारी किया है। प्राप्त मूर्ति 5 वीं सदी की है। यूरोप में तथागत बुद्ध।
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2 years
आरक्षण की नियमावली यही है कि आरक्षित कोटे के कैंडिडेट यदि मेरिट के अनुसार जनरल कैटिगरी में आ जाते हैं तो उनकी गणना जनरल कैटिगरी में होती है, न कि आरक्षित कैटिगरी में। कारण कि ऐसा नहीं करने पर जनरल कैटिगरी अपने - आप में जनरल के लिए आरक्षित हो जाएगी जो कि आरक्षण नियम के खिलाफ है।
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10 months
यूरोप में नॉर्स देवता Odin, जर्मनिक देवता Woden सब Buddha का रूपांतरण है। बुधवार को इसीलिए Woden's day कहा जाता है और अंग्रेजी में यह Wednesday है। Odin और Woden यूरोप के आधुनिक देवता नहीं हैं। इसीलिए मैं कहता हूं कि यूरोप में तथागत बुद्ध प्राचीन काल में पहुंच गए थे।
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3 years
रामचंद्र शुक्ल का " हिंदी साहित्य का इतिहास " पढ़ा, जिसमें दो प्रकार के कवि हैं, एक में " जी " लगा है, दूसरे में " जी " नहीं लगा है। रामानंद जी, तुलसीदास जी, सूरदास जी - ये "जी" वाले कवि हैं। कबीर, रैदास, दादू - ये बिना " जी " के कवि हैं। रैदास के शब्दों में जाति है कि जाती नहीं।
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2 years
नासिक की गुफा सं. 19 से पता चलता है कि भारत में सातवाहन काल में श्रमण मंत्रालय हुआ करता था और उस मंत्रालय में कैबिनेट रैंक का मंत्री होता था। ऐसा था श्रमण भारत!
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3 years
तुलसी ने जग को राममय देखा - " सिया राममय सब जग जानी ", लेकिन रैदास ने जग को चाममय देखा -" जित देखौं तित चामहिं चाम "। चाम का हाथी, चाम का राजा। चाम के ऊँट पर चाम का बाजा।
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9 months
पुरानी बाइबिल में 5642, नई बाइबिल में 4800, मिल्टन में 8000 और डाॅ. अंबेडकर की अंग्रेजी में लगभग 8500 शब्दों का प्रयोग हुआ है। नमन बोधिसत्व!
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14 days
हल चलाते गोतम बुद्ध के पिता सुद्धोदन....बुद्ध का परिवार मूल रूप से खेतिहर था.... इसीलिए इन्हें खत्तिय कहा गया है..... आज भी खेत से संबंधित जो कागजात होते हैं.....खेत से संबंधित जो बही होती है....उन्हें खतियान, खतौनी कहा जाता है..... तलवार धारक नहीं, खतियान धारक ही खत्तिय थे...
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10 months
मलेशिया में मिला बौद्ध विहार। तालियां!
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2 years
ह्वेनसांग ने लिखा है कि कुशीनगर में इस मूर्ति के पास ही 200 फीट ऊँचा असोक का बनवाया स्तूप है। स्तूप के आगे एक स्तंभ खड़ा है, जिस पर तथागत के महापरिनिर्वाण का इतिहास लिखा है। कुशीनगर में बुद्ध को यह मूर्ति जो जमीन के नीचे दबी थी, मिल गई है। लेकिन वह स्तंभ आज तक नहीं मिला।
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2 years
मतवाला हाथी तथागत के मैत्री भाव से प्रभावित होकर यदि शांत हो गया तो यह चमत्कार नहीं बल्कि पशु मनोविज्ञान की परख है।
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2 months
शेष नारायण नहीं बल्कि तथागत बुद्ध हैं.
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