इतनी रिसर्च करने के बाद भी आज तक कोई ये नहीं पता लगा पाया … 🤨🤨
की
रिश्तेदारों से जब भी चाय के लिए पूछो तो वो " बस आधा कप ही लाना " क्यों बोलते हैं … 😐😐
कोई बता सकता है क्या???
""ना ख्वाइशों की ना दौलत की... .
मैंने तुमसे उम्मीद भी लगाई तो बस वफादारी की... .
ये सारा शहर तेरा... .
मुझे गवाही दे दिया तेरे मेरे होने की...
बस तू ही कह गई नही होने कि
मिल गया तुझे दूसरा... .
अब कोई जरूरत नही तुझे मेरे होने की... .
🙏💫😶
पत्थर बनना मेरी खवाइश नही मेरी मजबूरी है
क्युकी मैं जानता हु ,,,,,🙌
यदि मैं बिखरा
तो फिर दुनिया के किसी कोने में वो शख्स नही जो मुझे समेट सके!,,,,,,,,🙃